ये मेरा तुम्हारा………..
ये मेरा तुम्हारा मधुर मिलन
हँसते हँसते भरे है नयन
मुस्कान – ए – हया लाये है शर्म
सुमधुर वाणी दे ह्रदय को मरहम
वो भोर के तारे भी देखे
बगिया में पुष्प अधखिले से
वातास भी छुपकर लहराए
माला बन कुसुम भी इतराए
सखियाँ सारी करे अभिनन्दन
देख दोनों का प्रेम अभिवादन
हंसिका से मुखरित हुआ कानन
कहीं मर न जाऊं देख ये प्रेम मिलन
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