kavita
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हर पल बेहतर था तेरे आने पर
उम्मीद जग उठी थी तेरे रहने पर
पर तूने जो जख्म दिया मेरे सीने में
सपने बह गए सारे तेरे जाने पर
रेत ले गया समंदर मेरे प्यार की
दफन हो गया एहसास तेरे प्यार की
ख्वाबो पर अब हक नहीं रहा कोई
खो दिया मैंने तुम्हे एक बार फिर
वीरान पड़ी है गली कूचे इस जहां में
शाम ढल गयी है तेरी याद में
जाने किस शहर में ढूँढू ठिकाना तेरा
जी लिया उम्र सारा बेवफा तेरी ख्याल में
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