Menu
blogid : 2387 postid : 346

हर पल

kavita
kavita
  • 139 Posts
  • 702 Comments

हर पल बेहतर था तेरे आने पर
उम्मीद जग उठी थी तेरे रहने पर
पर तूने जो जख्म दिया मेरे सीने में
सपने बह गए सारे तेरे जाने पर

रेत ले गया समंदर मेरे प्यार की
दफन हो गया एहसास तेरे प्यार की
ख्वाबो पर अब हक नहीं रहा कोई
खो दिया मैंने तुम्हे एक बार फिर

वीरान पड़ी है गली कूचे इस जहां में
शाम ढल गयी है तेरी याद में
जाने किस शहर में ढूँढू ठिकाना तेरा
जी लिया उम्र सारा बेवफा तेरी ख्याल में

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh