kavita
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मेरी कवितायें है एक आह़त पक्षी सम
गिरे तेरे कदमों पर हे! मेरे प्रियतम
जो पक्षी है आह़त नयन – वाण से
प्रिये उठा लो उसे……. धीरे से
वो सब स्वच्छंद विचरण-
करती थी , नील नभ पर ,
तुम्हारे नयन-बाण ने
किया आह़त कब न जानूं पर ,
मृत्यु गीत विषाद से भरा
पर है ये अमृत सम
उदासी के साथ- साथ
ये कवितायें है जीवन मम
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