kavita
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मेरे मन मंदिर में उजाला भर दे कोई
बरसों से रीता मन में प्यार जगा दे कोई
पानी जो ठहरा हुआ है कंकड़ मारे कोई
उन हिलोरों में प्यार जगाये कोई
मेरे इस जीवन में जो एकाकीपन है
इस एका पल को भी छेड़ जाए कोई
निस्संग बिताये लम्हों से ये गुज़ारिश है
लम्हा-लम्हा इस दिल में समाये कोई
इन लम्हों की रह जाए बस केवल यादे
इस तनहा दिल में खुशियाँ भर जाए कोई
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