kavita
- 139 Posts
- 702 Comments
वो लम्हे ….
जो साथ गुज़ारे थे
ख्वाब सजाये थे
नींद उडायी थी
याद तो है न!
………
वो प्यार……..
जिसे लम्हों ने सींचा था
पलकों पर सजाया था
उसके खुशबू के दामन से
जीवन महकाया था
याद तो है न!
………..
वो दिन……..
जीने मरने की हम
कसमे जो खाते थे
साथ न छोड़ेंगे
कहते न थकते थे
याद तो है न!
…………..
फिर क्यों …….
ये दूरी मजबूरी
धागे रिश्तो के ये
टूटी ..जो न फिर जुड़ी
आखिर भूल ही गए न !!!!!
Read Comments